तुम आ जाओ साहिल बनकर खूश रहूंगी मैं तुम्हें पाकर। तुम आ जाओ साहिल बनकर खूश रहूंगी मैं तुम्हें पाकर।
मैं कौन हूं ये मैंने उनसे जाना। मैं कौन हूं ये मैंने उनसे जाना।
आज कल के दौर में, कहां, कौन एक साथ रहना चाहता है, जिसे देखो परिवार से अलग रहना चाहता आज कल के दौर में, कहां, कौन एक साथ रहना चाहता है, जिसे देखो परिवार से अलग...
अनकहे रिश्ते, बहुत कुछ कह जाते हैं। अनकहे रिश्ते, बहुत कुछ कह जाते हैं।
कभी तन्हा नहीं छोड़ता हर पल महसूस होता है। कभी तन्हा नहीं छोड़ता हर पल महसूस होता है।
अपना बेटा करें तरक्की यही हर मां की ख्वाहीश होती है। अपना बेटा करें तरक्की यही हर मां की ख्वाहीश होती है।